• न हि ज्ञानेन सदृशं पवित्रमिह विद्यते।

  • ज्ञान के समान पवित्र इस संसार में कुछ नहीं है।।

  • There is nothing more pure in this world than knowledge(Gyana)

Academics

MA Hindi

MA Hindi

हिंदी स्नातकोत्तर

भारती महाविद्यालय में हिंदी विभाग में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम का आरंभ वर्ष 2002 में हुआ, जिसमें प्रतिवर्ष 30 छात्राओं को प्रवेश दिया जाता है। छात्राओं को दिल्ली विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग की प्रवेश प्रक्रिया के माध्यम से इस पाठ्यक्रम में पंजीकृत किया जाता है। स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम के विद्यार्थियों की मुख्य कक्षाएं विश्वविद्यालय के मुख्य परिसर में आयोजित की जाती है तथा इसके समानांतर अनुशिक्षण कक्षाएं महाविद्यालय परिसर में आयोजित की जाती है।

स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम के अंतर्गत सत्र आधारित पाठ्यक्रम पढ़ाया जाता है।

https://www.du.ac.in/uploads/Revised_CBCS_18/PG/M.A.%20Hindi%20CBCS%20Final%20Syllabus.pdf

भारती महाविद्यालय में हिंदी के स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम में प्रवेश हेतु अनिवार्य योग्यताओं का विवरण दिल्ली विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर उपलब्ध है।

https://admission.uod.ac.in/?PG-Admissions

31मई 2017 से प्रवेश की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन कर दी गई है। महाविद्यालय में प्रवेश होने पर छात्राओं को पहचान पत्र दिया जाता है जिससे पुस्तकालय से पुस्तकें आदि लेने की सुविधा प्राप्त होती है। भारती महाविद्यालय के पुस्तकालय में स्नातकोत्तर छात्राओं के लिए 100 से अधिक पुस्तकें उपलब्ध हैं। जिनमें से कुछ प्रमुख पुस्तकें हैं -

  1. हिंदी साहित्य का इतिहास : आचार्य रामचंद्र शुक्ल
  2. मध्यकाल के बोध का स्वरूप : हज़ारी प्रसाद द्विवेदी
  3. हिंदी साहित्य का आदिकाल : हज़ारी प्रसाद द्विवेदी
  4. लोकवादी तुलसीदास : विश्वनाथ त्रिपाठी
  5. नई कहानी की भूमिका : कमलेश्वर
  6. एक दुनिया समानांतर : राजेंद्र यादव
  7. रस मीमांसा : नगेंद्र
  8. बिहारी की वग्विभूति : विश्वनाथ प्रसाद मिश्र
  9. छायावाद : नमवार सिंह
  10. आधुनिक हिंदी नाटक और रंगमंच : नेमिचंद्र जैन

भारती महाविद्यालय से स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त छात्राएं रोजगार के क्षेत्र में अनेक धरातलों पर कामयाब होती हैं जैसे पीएच.डी करती हैं और विविध महाविद्यालयों में कार्यरत होती हैं। इसके अतिरिक्त मीडिया, अनुवाद तथा अनेक निजी कंपनियों में भी अपनी पहचान बनाती हैं ।भारती महाविद्यालय के हिंदी विभाग के सभी प्राध्यापक अपनी छात्राओं के दिशा निर्देश हेतु सदैव तत्पर रहते हैं। यह छात्राएं प्रतिवर्ष पूर्व छात्र - मिलन समारोह में शामिल होकर लगातार महाविद्यालय के साथ जुड़ी रहती हैं महाविद्यालय इनके शैक्षणिक विकास एवं भविष्य निर्माण में सदैव सहयोगी की भूमिका अदा करता है।